साहा के नजदीक बना राजीव गांधी स्टेडियम खेल विभाग की अनदेखी के कारण बदहाल हो गया। ऐसे में साहा व आसपास के गांवों के युवाओं ने मिलकर खुद ही इस मैदान को खेलने लायक बनाया है। स्टेडियम की हालत इस तरह खराब हो गई थी कि दूर से देखने में यह खेल मैदान जानवरों की चारागाह लगने लगा था। खिलाड़ियों ने यहां आना ही बंद कर दिया था। अब लॉकडाउन के खत्म होने के बाद कुछ खिलाड़ियों ने स्टेडियम जाकर देखा तो पता चला कि यहां खेलना तो दूर पैदल चलना भी नामुमकिन था।
युवा आगे आए: युवाओं ने खुद ही खेल मैदान को संवारने की सोची। लगभग 50 युवाओं ने मिलकर स्टेडियम में उगी खरपतवार को साफ किया। ट्रैक्टर चलाकर जमीन को समतल किया। लगभग 10 साल से यह स्टेडियम विभाग की उपेक्षा का शिकार है। लाखों रुपए खर्च कर लगाया गया ट्यूबवेल एक दिन भी नहीं चला। कोई सफाई नहीं करवाता। यहां ट्यूब लाइट का प्रबंध भी युवाओं ने खुद किया है। साहा युवा क्लब के पंकज चोटानी अाैर समाज सेवी हैप्पी ढकौला ने कहा कि खेल विभाग ने यहां पीने के पानी की व्यवस्था भी नहीं करवा रखी। खिलाड़ी अपनी पानी की बोतलें खुद लाते हैं।
पेयजल की व्यवस्था बाहर से
पंकज और हैप्पी ने कहा कि सरकारी स्कूलों के खेल हों या कोई टूर्नामेंट, हर बार पीने के पानी की व्यवस्था बाहर से करानी पड़ती है। हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि स्टेडियम गांव से दूर बनाया गया है। इसलिए वहां रखरखाव भी मुश्किल हो जाता है। शरारती तत्वों ने वहां हाॅल के शीशे, बाथरूम की टोंटियां तक तोड़ डाली हैं। साहा के पूर्व सरपंच सुरेश कुमार ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने युवाओं के लिए गांवों में खेल स्टेडियम बनवाए थे। हरियाणा सरकार इन स्टेडियम के रखरखाव नहीं कर पा रही है।
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