हरियाणा डेमोक्रेटिक फ्रंट के संस्थापक पूर्व मंत्री निर्मल सिंह ने किसानों के प्रदेशव्यापी मंडीकरण के खिलाफ आंदोलन को समर्थन किया। उन्होंने कहा कि 2014 के चुनाव से पूर्व भाजपा ने किसानों को स्वामीनाथन रिपोर्ट की सिफारिशें तत्काल लागू करवाने का आश्वासन दिया था जिसके परिणाम स्वरूप किसानों ने इन्हें भरपूर समर्थन दिया। अब 6 साल तक सत्ता का सुख भोगने के बाद भी सरकार ने किसानों की सुध नहीं ली।
किसानों को आमदनी दाेगुनी करने का झांसा दिया गया लेकिन नतीजा यह रहा कि किसानों को उनकी फसलों का सरकार की ओर से निर्धारित मूल्य भी नहीं मिल पा रहा। उन्होंने कहा कि इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि डीजल के दाम पेट्रोल से भी अधिक कर दिए गए हैं। जल स्तर गिरने का हवाला देकर सरकार ने किसानों को धान की जगह मक्का की फसल बौने के लिए विवश किया।
अब हाल यह है कि मक्का 800 से 1000 रुपए क्विंटल बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है। उन्हाेंने कहा कि इस इलाके को डार्क जोन घोषित किया गया है दूसरी तरफ इस इलाके के जलस्तर को रिचार्ज करने के लिए बनाई गई दादूपुर-नलवी नहर परियोजना को सरकार ने डिनोटिफाई कर दिया। निर्मल सिंह ने कहा कि किसानों को अब यह बात समझ लेनी चाहिए कि भाजपा सरकार किसान विरोधी है।
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