नांगल चौधरी के गांव मौरूंड और ढाणी सैनियान में कोविड-19 के 3 केस मिले हैं। ढाणी सैनिया वाले दो पीडि़तों का एक परिजन पहले ही संक्रमित हो चुका है। अब तीसरा संक्रमित मौरूंड के कंटेनमेंट जोन में मिला है। चिकित्सक टीम ने पीड़ितों की कॉन्टेक्ट हिस्ट्री को खंगालना आरंभ कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक ढाणी सैनियान में दो दिन पहले एक युवक कोरोना पीडि़त मिला था, जो नांगल चौधरी में कपड़े सिलाई का काम करता है। चिकित्सकों ने पीडि़त के संपर्क में आने वाले करीब 43 लोगों के सैंपल लिए थे, जिनमें शामिल दो परिजनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। तीसरा मरीज मौरूंड गांव का है, जिसका पड़ोसी पहले से संक्रमित है। दोनों गांव में पीड़तों के मोहल्ले को कंटेनमेंट जोन बना रखा है। नियमानुसार जोन में रहने वालों को कहीं आने-जाने या किसी से मिलने की अनुमति नहीं, जिस कारण विभाग को संपर्क सूची लंबी होने की संभावना नहीं। इसके बावजूद पीड़ितों से संपर्क में रहने वालों को सूचीबद्ध किया जा रहा है।
सुबह 8.30 बजे बूढ़वाल पीएचसी के चिकित्सक मनीष यादव कंटेनमेंट जोन पहुंचे। उन्होंने संक्रमित से पूछताछ करने के बाद टीम को स्क्रीनिंग के दिशा-निर्देश दिए। ग्रामीणों को बाहर से आने वालों की सूचना देने का आह्वान किया। कंटेनमेंट जोन में रहने वाले तथा संक्रमितों को विटामिन सी युक्त भोजन तथा गर्म पानी पीने की हिदायत दी। ग्रामीणों की मांग पर उन्होंने सभी मोहल्लों पर स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि थोड़े-बहुत लक्षण दिखाई देने पर सीएचसी में जांच करवा सकते हैं। टीम में स्टाफ नर्स खेमचंद, एएनएम, आशा वर्कर शामिल रही।
कॉन्टेक्ट लिस्ट वाले तीन लोग मिले संक्रमित, 10 सैंपल कलेक्ट
बूढ़वाल पीएचसी के डॉ मनीष यादव ने बताया कि ढाणी सैनिया में संक्रमित के दो परिजनों के सैंपल पॉजिटिव मिले हैं, मौरूंड गांव के कंटेनमेंट जोन में एक युवक पीडि़त मिला है। तीनों को होम आइसोलेट करके गांव की स्क्रीनिंग कर रहे हैं। कंटेनमेंट जोन में चिकित्सक टीम अलर्ट है। उन्होंने बताया कि पीडि़तों की संपर्क सूची में १० लोगों के नाम मिले हैं। जिनके सैंपले की लेने की प्रक्रिया आरंभ कर दी।
कोविड-19 की रोकथाम में पंचायतों का सहयोग जरूरी
चिकित्सक ने बताया कि गांवों में ताश खेलने, एकत्रित होकर हुक्का पीने, सार्वजनिक टंकी से पानी भरने, आपसी बातचीत में मास्क नहीं लगाने की परंपरा है। जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बना है। रोकथाम के लिए पंचायतों को अलर्ट होकर विभाग का सहयोग करना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि पीड़ितों व उनके परिजनों से मोबाइल पर 24 घंटे संपर्क में हैं।
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