जिले में शनिवार को डाहर शुगरमिल के 10 कर्मियों सहित 73 केस आए। यह कोरोना विस्फोट है, जिसे रोकने का ईमानदार प्रयास करने होंगे। मगर अभी तक स्वास्थ्य विभाग जिले में रोजाना 250 सैंपलिंग से आगे नहीं बढ़ पाया है। घरों में जाकर जांच भी नहीं हो पा रही है, क्योंकि पूरे जिले के लिए केवल 1 वैन से ज्याद नहीं है। जो सबसे जरूरी है, टेस्टिंग लैब वह भी विभाग हासिल नहीं कर पाया है। वहीं करनाल में रोज 400 और सोनीपत में 1 हजार से ज्यादा जांच हो रही हैं। क्येांकि वहां अपनी लैब है। वहां 3 घंटे में रिपोर्ट मिलती है, पानीपत में 3 दिन लग रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग और पुलिस को इन 4 पाॅइंट पर काम करने की जरूरत
सैंपलिंग/जांच को आसान बनाया जाए : अभी के सिस्टम में जांच के लिए सैंपल देना मैराथन जीतने जैसा है। कम से कम 4 घंटे का वक्त लगता है। इसे आसान बनाया जाए। अभी सिर्फ एक मोबाइल टीम है। इसकी संख्या बढ़ाई जाए। ताकि सिविल अस्पताल में भीड़ कम हो।
ज्यादा से ज्यादा लोगों की हो जांच: अभी रोजाना 250 के करीब जांच हो रही है। कोरोना काल के 114 दिनों में सिर्फ 13500 सैंपलिंग हुई है। आज से पहले 500 के करीब केस थे। इसलिए 1000 केस रिपीट हुए हैं। जिसे कम कर दें तो यह 12500 के करीब रह जाएगा। जिले की आबादी करीब 14.50 लाख है। इसमें 12500 जांच का मतलब कि सिर्फ 0.86 फीसदी लोगों की जांच। यानी- अगर कहीं 10 लोगों की भीड़ है तो उसमें से 1 की जांच हुई है।
यहां बनाई जाए लैब, ताकि रिपोर्ट जल्द मिले: सैंपल देने के बाद तीन से चार दिन बाद रिपोर्ट मिल रही है। सबसे जरूरी है कि सैंपल की जांच के लिए जितनी जल्दी हो लैब बनाई जाए। जरूरी इसलिए भी है कि यहां तो सैंपल देकर लोग बाहर घूम रहे हैं। इस पर किसी की निगरानी तो है नहीं। इसलिए, अगर लैब हो तो उसी दिन रिपोर्ट मिल जाएगी। इससे भी कोरोना फैलने से रुकेगा।
सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क के नियम सख्ती से लागू करें: कोरोना को रोकने में सोशल डिस्टेंसिंग सबसे कारगर है। उस पर मास्क का नियम सख्ताई से लागू हो तो कोरोना को नियंत्रित किया जा सकता है। कोरोना काल में अब तक पूरे जिले में बिना मास्क के 6380 चालान काटे गए हैं। इसमें पुलिस ने सबसे अधिक 5571 चालान काटे हैं। 226 नगर निगम ने और शेष 583 चालान अन्य विभाग की टीम ने काटे हैं। वहीं, इस दौरान पुलिस ने करीब 60 हजार वाहनों के चालान काटे हैं।
प्रशासन के दावों का सच, न कंटेनमेंट जोन में लोगों की स्क्रीनिंग हो रही, न सैनिटाइजेशन
- कंटेनमेंट जोन के हर घर के प्रत्येक व्यक्ति की स्क्रीनिंग/थर्मल स्क्रीनिंग होनी चाहिए।
- सच: कभी नहीं होती
- कंटेनमेंट जोन को पूरी तरह से सैनिटाइज करवाया जाए।
- सच: सभी जगह नहीं होता, कहीं-कहीं तीन दिन के बाद निगम टीम पहुंचती है।
- कंटेनमेंट जोन में आमजन की आवाजाही रोककर एरिया को सील कर पुलिस नाका लगाया जाए।
- सच: तीसरे दिन से पहले सील नहीं होता। पुलिस नाका तो दिखता ही नहीं।
- लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता बैरिकेडिंग करवाएंगे।
- सच: तीन दिन से पहले कहीं पर भी बैरिकेडिंग नहीं होती।
- लगातार बिजली आपूर्ति, जल आपूर्ति की बहाली, एम्बुलेंस और दूसरे पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती होगी।
- सच: सभी दूसरे दिनों की तरह होती है। कोई विशेष व्यवस्था नहीं
- आवश्यक वस्तुओं के रेट निर्धारित कर उसकी पूर्ति बहाल की जाए, जोकि किराना और मेडिकल स्टोर द्वारा प्रबंध किया जाए।
- सच: कंटेनमेंट जोन में रहने वाले खुद बाहर जाते हैं। डिलीवरी की कोई व्यवस्था नहीं
- कंटेनमेंट जोन में नर्सिंग होम या मेडिकल सुविधा युक्त पीएचसी स्थापित करवाई जाए।
- सच: यह सिर्फ कागजों में है। आज तक मेडिकल सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई।
72 लाख का बिल सैनिटाइजेशन के नाम पर तैयार करने वाले नगर निगम का काम कोरोना की रोकथाम को लेकर सबसे ढीला है।
114 दिनों में निगम टीम ने बिना मास्क के सिर्फ 226 चालान काटे हैं।
अनिल विज ने किया वादा- पानीपत को जल्द देंगे लैब
लैब पर अफसरों से लूंगा रिपोर्ट: विज
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि पानीपत में कोरोना जांच लैब बनाने के लिए अभी तक मांग नहीं आई है। अगर किसी ने पानीपत से पत्र भेजा भी है तो मुझे उसकी जानकारी नहीं है। पानीपत में लैब बनवाने के लिए जल्द ही अफसरों से रिपोर्ट लूंगा।
मोबाइल टीमें बनाई जा रही हैं : सीएमओ
सीएमओ संतलाल वर्मा ने कहा कि लैब के लिए एचएमएससीएल (हरियाणा मेडिकल सर्विस काॅरपाेर्रेशन) ने डिमांड मांगी थी, हम वाे भेज चुके हैं, उसका रिमाइंडर भी भेजा है। माेबाइल टीम के लिए स्टाफ की डिमांड की गई है, फिर भी एक और माेबाइल टीम बनाने की तैयारी चल रही है।
बिना मास्क वालों के करेंगे चालान : एसपी
एसपी (पानीपत) मनीषा चौधरी ने कहा कि बिना मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना कराने के लिए अलग-अलग प्रयास किए जा रहे हैं। ऑटो, ईको वैन, ई-रिक्शा व सवारी गाड़ी के खिलाफ एक विशेष अभियान शुरू कर रहे हैं। बाजार में भी नियमों का पालन नहीं हो रहा है तो वहां भी सख्ती करेंगे।
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