रेलवे कॉलोनी में महिला रेलवे कर्मी की हत्या और हत्यारोपी मुकेश उर्फ मोंटी की गिरफ्तारी से यह साफ हो गया कि रेलवे के सरकारी क्वार्टर में कई अपराधी किराए पर रह रहे हैं। सरकार से मोंटी सैलरी पाने के बाद भी सरकारी क्वार्टरों के नाम पर दोहरी कमाई रेलवे कर्मचारी कर रहे हैं। रेलवे कॉलोनी में रेलवे महिला कर्मी की हत्या की घटना के बाद पुलिस सख्त हुई तो रेलवे भी सख्ती के मूड में आ गया। सरकारी क्वार्टरों के नाम पर दोहरी कमाई का खेल करने वाले रेलवे कर्मचारियों की पहचान के लिए जांच कमेटी बना दी गई।
कमेटी ने अब तक 20 ऐसे क्वार्टर ट्रेस किए हैं जोकि रेलवे की तरफ से अपने रेलवे कर्मी को अलॉट किए गए थे लेकिन वहां पर उनकी जगह और कोई रहता मिला। टीम ने रिपोर्ट अधिकारियों को दी तो अधिकारियों ने तुरंत एक्शन लेते हुए इनके सरकारी क्वार्टर कैंसिल कर दिए।
वहीं चार्जशीट कर विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। फिलहाल यह जांच चल रही है कि और कितने कर्मचारियों ने सरकारी क्वार्टर प्राइवेट लोगों को दिए हुए हैं। हालांकि कुछ ने तो प्राइवेट लोगों से डर के मारे क्वार्टर खाली भी करा दिए हैं। महिला रेलवे कर्मी की हत्यारोपी ने सहारनपुर एसएस के ऑफिस में तैनात कर्मी के क्वार्टर को किराए पर लिया हुआ था।
दो वजह सरकारी क्वार्टर को किराए पर देने की| कर्मचारियों को रेलवे की तरफ से क्वार्टर अलॉट होने के बाद उनके वेतन से हाउस अलाउंस काटा जाता है जोकि उनकी बेसिक सैलरी का 8%होता है जोकि 1400 रुपए से लेकर चार हजार रुपए तक बनता है जबकि यहां कॉलोनी में मकान किराए पर लेने वाला 3000 से लेकर 6000 रुपए तक देता है। इस तरह से कुछ कर्मचारी अपने वेतन से 1400 रुपए कटवाकर क्वार्टर को 3 से 4 हजार रुपए में किराए पर दे देता है।
इस तरह से उसे यहां पर 2-3 हजार की बचत होती है। वहीं दूसरी वजह यहां पर बने क्वार्टर काफी पुराने हैं। बारिश में पानी टपकता है। इस वजह से रेलवे कर्मी यहां पर क्वार्टर किराए पर लेकर बाहर किसी कॉलोनी में जाकर रहने लग जाता है। जितना उसे बाहर किसी कॉलोनी में मकान का किराया देना पड़ता है, उतना ही उसके सरकारी क्वार्टर का उसे मिल जाता है इसलिए भी वे किराए पर दे देते हैं।
मोंटी ने पहले भी रेलवे कॉलोनी में की थी हत्या, यहां पर अवैध शराब तस्कर तक रह रहे| महिला रेलवे कर्मी की हत्या के मामले में गिरफ्तार मुकेश उर्फ मोंटी ने अपने साथी संदीप के साथ मिलकर साल 2011 में रेलवे कॉलोनी के सरकारी क्वार्टर में एक युवक की हत्या कर दी थी। साल 2017 में जब वह हाईकोर्ट से जामनत पर आया तो फिर से यहीं पर रहने लग गया था। लॉकडाउन में एक कार चालक को अवैध शराब के मामले में पुलिस ने पकड़ा था। तब उसने खुलासा किया था कि वह रेलवे कॉलोनी से शराब लेकर आया है। वहीं यहां पर चोरियों और स्नैचिंग की वारदातें होती रहती हैं। इसकी भी वजह ये ही है कि आपराधिक प्रवृत्ति के लोग सरकारी क्वार्टर में रह रहे हैं।
जांच में बचने के लिए अब ऐसे कर रहे रेलवे कर्मी| जांच टीम में यूनियन नेता भी हैं। जब भी टीम क्वार्टरों की चेकिंग के लिए निकल जाती है तो रेलवे कर्मियों को इस बात का पता चल जाता है। इस पर किराए पर क्वार्टर देने वाला रेलवे कर्मी क्वार्टर पर पहुंच जाता है और वहां पर रेलवे कर्मी मिलने पर जांच टीम आगे निकल जाती है। इस तरह से रेलवे कर्मी बचने के लिए कर रहे हैं। वहीं कई ने क्वार्टर खाली करा लिया है।
हमने एक्शन लेना शुरू किया है
रेलवे कॉलोनी में सरकारी क्वार्टर किसी प्राइवेट व्यक्ति को किराए पर नहीं दिया जा सकता। ऐसा सामने आया है कि कुछ कर्मचारियों ने क्वार्टर किराए पर दिए हुए हैं। इसकी जांच की जा रही है। कुछ ऐसे क्वार्टर जांच में मिले हैं। इन क्वार्टरों की अलॉटमेंट कैंसिल कर दी गई है। वहीं जिन कर्मियों को क्वार्टर अलॉट हुए हैं, उनको चार्जशीट कर इनके खिलाफ विभाग जांच शुरू कर दी है।
सुधांशु पंवार, मुख्य कारखाना प्रबंधक, जगाधरी रेलवे वर्कशॉप
हत्यारोपी मोंटी से बाल्टी बरामद, आज होगा रिमांड खत्म
महिला रेलवे कर्मी की 22 जून की रात को हत्या कर दी गई थी। उस मामले में पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर जांच शुरू की थी। स्पेशल डिटेक्टिव यूनिट ने इस मामले में महिला के पड़ोस में सरकारी क्वार्टर को किराए पर लेकर रहने वाले मुकेश उर्फ मोंटी को गिरफ्तार किया है। उसे पुलिस ने दो दिन के रिमांड पर ले रखा है। उसने कबूल किया है कि वह चोरी के इरादे से महिला के घर में गया था। वहां पर उसकी हत्या की और उसके शव के साथ दरिंदगी की। उसने महिला के सिर में बाल्टी मारकर हत्या करने की बात कही है। पुलिस ने वह बाल्टी बरामद कर ली है। यूनिट इंचार्ज जोगिंद्र सिंह ने बताया कि आरोपी से पूछताछ की जा रही है। उससे बाल्टी बरामद कर ली है। बुधवार को उसका रिमांड पूरा होगा।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3h5vQHL

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें