Tnformation Technology Tipes and Tutoria Latest Update in Hindi Lates Technolgy News In Hindi

test

Breaking

Post Top Ad

Your Ad Spot

मंगलवार, 21 जुलाई 2020

वैज्ञानिकाें ने 100 दिन में काेविड-19 के 20 हजार से अधिक सैंपलों की जांच की https://ift.tt/3jqnIn9

राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक और अन्य ने 100 दिन में काेविड-19 के बीस हजार से अधिक सैंपलों की जांच की है। विभागीय अधिकारियाें ने भी वैज्ञानिकाें की खूब सराहना की है।
राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र का मुख्य कार्य अश्व संबंधी बीमारियों पर अनुसंधान एवं प्रबंधन करना है।

मगर काेविड-19 की महामारी को ध्यान में रखते हुए संस्थान ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली से स्वीकृति मिलने के बाद 12 अप्रैल को अपने माइक्रोबियल कंटेनमेंट कॉम्प्लेक्स में एक विशेष काेविड-19 परीक्षण प्रयोगशाला की स्थापना की और कोविड 19 के सैंपलों की जांच का कार्य शुरू किया।

यह परीक्षण सुविधा बायोसेफ्टी स्तर -3 प्रयोगशाला है, जहां वायरस रिलीज की रोकथाम के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। शुरू में यह कार्य धीमी गति से चला और फिर जांच कार्य ने गति पकड़ी और एनआरसीई ने हिसार के साथ-साथ सिरसा और फतेहाबाद जिला के लाेगाें के सैंपल जांचने शुरू कर दिए।

राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र की पीआरओ व सीनियर वैज्ञानिक डॉ. अनुराधा भारद्वाज ने बताया कि 100 दिन में कुल 20305 सैंपलों की जांच की गई, जिनमें से 466 पॉजिटिव जबकि 19839 निगेटिव पाए गए। बताया कि अभी भी संस्थान में सैंपल की जांच जारी है।

निदेशक ने वैज्ञानिकाें की सराहना की
एनआरसीई के निदेशक डॉ. यश पाल ने अपनी टीम की प्रशंसा करते हुए बताया कि नोडल ऑफिसर डॉ. बलदेव गुलाटी, डॉ. संजय बरुआ सहित डॉ. राजेंद्र गोयल, डॉ. संजय कुमार, डॉ. नितिन विरमानी, डॉ. राजेश वैद, डॉ. बलविंदर कुमार, डॉ. नवीन कुमार, डॉ. अंजू मनुजा, डॉ. अनुराधा भरद्वाज, डॉ. तरुणा आनंद, डॉ. हरिशंकर सिंघा, डॉ. बी बेरा, डॉ. शंमुगाम्सुन्दरम, डॉ. रियेश सहित वैज्ञानिकों की टीम द्वारा काेविड-19 के सैंपलों की जांच की जा रही है।

परीक्षण में शामिल तकनीकी और सहायक कर्मचारी विजय कुमार, सीताराम, मुकेश चंद, संजीव कुमार, राज कुमार, जोगिन्द्र कुमार, पार्थ चौधरी, मुकेश और स्पोर्टिंग में गुरु दत्त, सुभाष, ओम प्रकाश, महावीर, रमेश चंदर, जय सिंह, नितिन, शीतल, साेनाली, धार्वी, गुरमेश, प्रियशी का भी याेगदान है। निदेशक डाॅ. यशपाल ने बताया कि जांच में डीडीजी (एएस) डॉ. बीएन त्रिपाठी के साथ सचिव डेयर और डीजी आईसीएआर डॉ. त्रिलोचन महापात्रा ने इसमें प्रमुख भूमिका निभाई है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2CvM0ve

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Post Top Ad

Your Ad Spot