बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने लोन की ब्याज दरों में कटौती की है। SBI ने 3 महीने की अवधि तक मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR)में 5-10 आधार अंक यानी 0.05-0.10 फीसदी की कटौती कर 6.65 फीसदी कर दिया है। नई दरें 10 जुलाई से लागू होंगी। SBI ने ब्याज दरोंमें लगातार 14वीं बार कटौती की है। इस कटौती के बाद इसकी ब्याज दरें सबसे कम हो गई हैं। इससे पहले HDFC, केनरा बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने भीब्याज दरोंमें कटौती की थी।
लोन के रीसेट होने पर मिलेगा फायदा
जिन लोगों के लोन MCLR से जुड़ें हैं उन्हें लोन की रीसेट डेट के बाद इसका फायदा मिलेगा। आमतौर पर बैंक 6 महीने या सालभर के रीसेट पीरियड के साथ होम लोन ऑफर करते हैं। रीसेट डेट आने पर भविष्य की ईएमआई उस समय की ब्याज दरों पर निर्भर करेंगी।
HDFC ने 20 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की
एचडीएफसी ने मंगलवार कोMCLRमें 20 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की है। बैंक ने अपने एक साल के MCLR को 7.65 फीसदी से घटाकर 7.45 फीसदी कर दिया है।ये कटौती 7 जुलाई से प्रभावी हो गई हैं।
केनरा बैंक ने 10 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की है
केनरा बैंक की ओर से जारी बयान के अनुसार, बैंक की एक साल की अवधि के लिए MCLR 7.65 फीसदी से घटाकर 7.55 फीसदी कर दिया है। ओवरनाइट और एक महीने की अवधि वाली उधारी दरें भी 0.10 फीसदी घटकर 7.20 फीसदी रह गई हैं। इसी तरह, तीन महीने का MCLR 7.55 फीसदी से घटकर 7.45 फीसदी रह गया है। ये कटौती 7 जुलाई से प्रभावी हो गई हैं।
बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने भी की कटौती की
बैंक ऑफ महाराष्ट्र (BoM) ने एक साल की MCLR 7.70 फीसदी से घटाकर 7.50 फीसदी कर दी है। ओवरनाइट, एक महीने और तीन महीने की अवधि के MCLR घटकर क्रमश: 7 फीसदी, 7.10 फीसदी और 7.20 फीसदी पर आ गई हैं। इसी तरह, बैंक ने 6 महीने की अवधि के MCLR को 7.50 फीसदी से घटाकर 7.30 फीसदी कर दिया है। ये कटौती 7 जुलाई से प्रभावी हो गई हैं।
RBI ने घटाई थी रेपो रेट
बैंकिंग व्यवस्था में पिछले कुछ महीनों में कर्ज की ब्याज दरों में गिरावट हुई है। आरबीआई ने पिछले महीने रेपो रेट में 0.40 फीसदी की कटौती की थी जिसके बाद यह 4 फीसदी के निचले स्तर पर आ गया। इसके पहले मार्च में भी रेपो रेट में 0.75 फीसदी की कटौती की गई थी।
MCLR क्या है?
बैंक 2016 से MCLR के आधार पर कर्ज दे रहे हैं। जब आप किसी बैंक से कर्ज लेते हैं तो बैंक द्वारा लिए जाने वाले ब्याज की न्यूनतम दर को आधार दर कहा जाता है। इसी आधार दर की जगह पर अब बैंक एमसीएलआर का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसकी गणना बैंक के संचालन खर्च और नकदी भंडार अनुपात को बनाए रखने की लागत के आधार पर की जाती है। बाद में इस गणना के आधार पर लोन दिया जाता है। यह आधार दर से सस्ता होता है।
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