हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में आरक्षण की लड़ाई किसी एक जाति और व्यक्ति की नहीं है। यह लड़ाई पाली जाट गांव के प्रत्येक वर्तमान नागरिक और भविष्य की संतानों के लिए लड़ी जा रही है। यह विचार ग्राम पाली के पंचायत घर में आयोजित पंचायत में गांव के सरपंच सुरेंद्र सिंह ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ग्राम पाली जाट व आसपास के लोगों के द्वारा दिए जा रहे धरने को दूसरा रूप दे रहा है। हमारी लड़ाई गांव के लोगों को नौकरी व दाखिलों में आरक्षण के लिए है। दोनों गांव ने 525 एकड़ जमीन विश्वविद्यालय को सरकार द्वारा दी गई है।
यह जमीन इस आश्वासन के बाद दी गई थी कि गांव वालों को नौकरियों और दाखिलों में आरक्षण उपलब्ध कराया जाएगा, परंतु आज विश्वविद्यालय में अनैतिक तत्वों का बोलबाला है। दोनों गांव के बीच का रास्ता रोक दिया गया है। जबकि विश्वविद्यालय की लीज में रास्ते का कोई इंतकाल नहीं है। रास्ता किसी भी प्रकार से रोका नहीं जा सकता।
सुरेंद्र ने कहा कि यह लड़ाई लंबे समय से चल रही है। हम अपने हक के लिए इस लड़ाई को जारी रखेंगे। गांव के सभी पंचों और मौजिज व्यक्तियों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया कि धरने की प्रक्रिया को और तेज किया जाएगा। जल्द ही महापंचायत होगी। पंचायत में सरपंच सुरेंद्र सिंह, बाबा जयराम दास मंदिर कमेटी के प्रधान रामोतार सिंह, पंच मक्खन लाल प्रजापत, पंच बिल्लु शर्मा, बिनोद तंवर, मुन्ना सेठ, विजय कुमार, मुकेश सिह, सूबेदार विक्रम सिंह, राजकुमार तंवर, सोनू यादव, बे गराज मास्टर, मनोहर सिह, रविदत्त प्रजापत, राजेंद्र सिंह, सुनील तवर, सुरजीत सिंह, प्रदीप तंवर, पवन तवर, महिपाल लावन, अशोक सिंह गौरव शर्मा, कपिल भारद्वाज, महेंद्र सिंह, छत्तर सिंह मौजूद रहे।
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