पालुवास गांव में मंगलवार दोपहर को 12 बजे 100 वर्षीय मूर्ति की आंखों के सामने उसके ही घर में बेटे ने खून की होली खेली। चलने-सुनने में लाचार मूर्ति के सामने पहले उसकी बहू सुमन और पोते की पत्नी संजू को उसके ही बेटे ने कुल्हाड़ी से काट डाला। पांच मिनट में पूरा घर लहूलुहान हो गया। वह चाहकर भी न तो अपने पलंग से उठ पाई और न ही अपने बेटे सुखबीर को रोक सकी।
इस दौरान खूब शोर हुआ, लेकिन बेबस मूर्ति को तो झगड़े की वजह भी पता नहीं चल पाई। ऐसे में अगर पोता सैलेश घर पर होता तो शायद तीन लोगों की जान न जाती। झगड़े की वजह नई नहीं थी। घर में छाेटी-छोटी बातों को लेकर क्लेश होता रहता था। शायद यही वजह रही कि पड़ोसियों ने जब चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनीं तो उन्होंने भी यही समझा कि यह तो हर रोज जैसा ही मामला है।
पांच मिनट में खामोशी छाई तो हुआ शक
जब झगड़े के पांच मिनट बाद ही घर से आवाजें आनी बंद हो गईं तो पड़ोसियों को शक हुआ कि कुछ गड़बड़ है। अक्सर जब झगड़ा होता था कई देर तक शोर शराबा होता रहता था। पड़ोसियों ने घर में जाकर देखा तो दो लाशें पड़ी थीं और सुखबीर फर्श पर पड़ा तड़प रहा था। सल्फास का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा था। बिना देरी के लोग और बेटा सैलेश उसे अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
दोपहर के खाने की थी तैयारी: परांत में रखा था आटा, गर्म करने के लिए गैस पर रखा था दूध
सुबह सबकुछ शांत ही था। दोपहर को खाना बनाने की तैयारी हो रही थी। रसोई में आटा परांत में रखा हुआ था और दूध गर्म करने के लिए गैस पर रखा था। इसी दौरान न जाने क्या हुआ कि रिटायर्ड बीएसएफ जवान सुखबीर अपना आपा खो बैठा।
पहले उसने पत्नी पर सिर और पेट में कुल्हाड़ी से आठ वार किए। एक के बाद एक इतने वार करना इस तरफ भी इशारा करता है कि वह काफी गुस्से में था। इसके बाद वह पुत्रवधू के कमरे में जाकर उसके सिर पर कुल्हाड़ी से तीन वार किए और उसे भी ढेर कर दिया। लेकिन जब उसके गुस्से का भूत उतरा तो शायद पश्चाताप में उसने सल्फास की गोलियां निगलकर आत्महत्या कर ली।
...तो शायद हो जाता बीच-बचाव
सुखबीर का बेटा सैलेश गांव और आसपास में ही पानी का टैंकर सप्लाई करने का काम करता है। मंगलवार को भी वह पानी का टैंकर सप्लाई करने गया था। लौटा तो पिता बैठक में तड़प रहा था। रसोई के गेट के पास मां की लाश और कमरे में पत्नी का शव देखकर उसके पैरों तले से जमीन निकल गई। बदहवास सैलेश को भी पड़ोसियों ने ही संभाला। सभी तुरंत सुखबीर को लेकर अस्पताल की और दौड़े। ऐसे में अगर सैलेश दस मिनट पहले घर आ जाता तो शायद इतना बड़ा नुकसान न होता।
ये कहना है पड़ाेसी का
सुखबीर के पड़ोसी व चचेरे भाई महेंद्र सिंह ने बताया कि सुखबीर ने घरेलू कलह के चलते गुस्से में आकर यह कदम उठाया है। सुखबीर फिलहाल खेतीबाड़ी करता था। पत्नी सुमन को विश्वास नहीं था कि सुखबीर उसकी जान भी ले सकता है। अगर सुखबीर उसे कुल्हाड़ी दिखाकर मारने की चेतावनी देता तो शायद वह दौड़कर घर से बाहर आ जाती। पत्नी की हत्या के बाद सुखबीर ने पुत्रवधु को उसके कमरे में जाकर मारा। सैलेश की 3 साल की बेटी और डेढ़ साल का बेटा है।
छानबीन कर रही है पुलिस: डीएसपी
घटनास्थल की जांच की गई है। जब पुलिस घर पर पहुंची तो गैस चूल्हे पर दूध उबलकर जमीन पर गिरा हुआ था गैस चूल्हा जल रहा था। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर गैस चूल्हे को बंद किया। डीएसपी ने बताया कि पुलिस की प्राथमिक जांच में मामला घरेलू कलह का लगता है। पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है।'' -विरेंद्र सिंह, डीएसपी हेडक्वार्टर
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