उत्तर-पूर्वी दिल्ली और नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में वकीलों के पैनल नियुक्त करने को लेकर दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच जारी विवाद पर मंगलवार को कैबिनेट बैठक है। इसमें वकीलों के पैनल नियुक्त करने को लेकर निर्णय होगा। बता दें उपराज्यपाल अनिल बैजल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर एक सप्ताह में वकीलों के पैनल पर निर्णय लेने को कहा था। सूत्रों का कहना है कि उपराज्यपाल अनिल बैजल चाहते है कि दिल्ली पुलिस के पैनल को दिल्ली सरकार मंजूरी दें।
जिसके लिए दिल्ली सरकार तैयार नहीं है। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया इसे पहले ही खारिज कर चुके हैं। अब फैसला कैबिनेट को लेना है। सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार के कहने पर दिल्ली पुलिस ने तुषार मेहता और अमन लेखी समेत छह वरिष्ठ वकीलों को उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों और एंटी सीएए प्रोटेस्ट से जुड़े 85 मामलों में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल वकील नियुक्त किए जाने का प्रस्ताव दिल्ली सरकार को भेजा है। केंद्र सरकार चाहती है कि दिल्ली सरकार इन मामलों में दिल्ली सरकार के वकीलों की बजाय केंद्र सरकार के वकीलों को नियुक्त करे।
वहीं, दिल्ली सरकार का कहना है कि राहुल मेहरा और उनकी टीम इन मामलों में इंसाफ दिलाने के लिए सक्षम है और इसके लिए केंद्र सरकार के वकीलों को अलग से नियुक्त करने की आवश्यकता नहीं है। सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय चाहता है कि दिल्ली दंगों की सुनवाई के लिए केंद्र सरकार के वकील नियुक्त हों जबकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चाहते हैं कि इन मामलों में इंसाफ दिलाने के लिए दिल्ली सरकार के ही वकील नियुक्त हों।
बता दें उपराज्यपाल के पास संविधान में स्पेशल पावर है कि वो दिल्ली सरकार की कोई भी फाइल मंगवा कर दिल्ली सरकार के किसी भी निर्णय को खारिज करने की सिफारिश राष्ट्रपति को कर सकते हैं। इसी पावर का इस्तेमाल कर वकील नियुक्ति की फाइल उन्होंने अपने पास मंगाई थी।
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