अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली के एक डॉक्टर ने एक बार फिर मानवता की मिसाल कायम की है। एम्स के सर्जरी विभाग में कार्यरत डॉक्टर मोहम्मद फवाद को बुधवार को एक गंभीर बीमार मरीज का ऑपरेशन करना था। लेकिन मरीज को ब्लड की जरूरत थी और उसके साथ में कोई रक्त दान करने वाला नहीं था। इसकी वजह से ऑपरेशन में देरी हो रही थी। मरीज की पत्नी का भी हीमोग्लोबिन कम था।
मरीज की पत्नी ने बताया कि कोरोना के संक्रमण होने के डर से कोई संबंधी भी खून देने के लिए अस्पताल नहीं पंहुचा। इसके बाद डॉक्टर फवाद ने पहले अपना ब्लड दिया। जिसके बदले ब्लड बैंक से उसके ब्लड ग्रुप का रक्त मिल गया। इसके बाद डा. फवाद ने मरीज का सफल ऑपरेशन किया, मरीज अब ठीक है। डा. फवाद ने बताया कि अस्पताल में भर्ती मरीज की हालत काफी खराब थी। ऐसे में उसकी हालत को देखते हुए ऑपरेशन करना जरूरी था।
ऑपरेशन के दौरान कमजोरी के कारण खून चढ़ाना जरूरी था इसके लिए खून की आवश्यकता थी। ऐसे में काफी तलाश के बाद भी जब कोई रक्त दाता नहीं मिला तो उन्होंने निर्णय लिया कि वह खुद ही मरीज के लिए रक्तदान करेंगे।
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