Tnformation Technology Tipes and Tutoria Latest Update in Hindi Lates Technolgy News In Hindi

test

Breaking

Post Top Ad

Your Ad Spot

सोमवार, 13 जुलाई 2020

सस्ता सामान खरीदने नेपाल से भारत के इस बाजार आते थे लोग, दुकानों का किराया 50 हजार रुपए https://ift.tt/304B6V6

बिहार के पूर्वी चम्पारण का एक छोटा सा शहर है रक्सौल। यहां का पूरा मार्केट एक सड़क के दोनों ओर सिमटा हुआ है। लेकिन दुकानों का किराया 50 हजार रुपए महीना तक है। वजह यहां से खरीददारी लाखों में हुआ करती थी। और ज्यादातर खरीददार होते थे नेपाली। सुबह से लेकर देर रात तक बाजार गुलजार होता था। इतनी भीड़ होती थी कि पैर रखने की जगह न मिले और अब हालात ऐसे हैं कि ग्राहकों को देखने के लिए व्यापारियों की आंखें तरस गई हैं।

नेपाली बर्तन खरीदने भी भारत आते हैं, क्योंकि नेपाल में न इतनी वैरायटी मिलती हैं न कम दाम।

नेपाल में राशन-कपड़ा-इलेक्ट्रॉनिक सामान से लेकर बर्तन तक भारत के मुकाबले काफी महंगे मिलते हैं। वहां की सरकार मोटी कस्टम ड्यूटी वसूलती है। ज्यादातर सामान दूसरे देशों से लाया जाता है। इसलिए जो चीज भारत में 400 रुपए में मिल जाती है, वो नेपाल में 800 रुपए में मिलती है। यही वजह रही है कि नेपाली ग्राहक भारत आकर जमकर खरीदी करते रहे हैं।

दोनों देशों ने लॉकडाउन खोल दिया लेकिन बॉर्डर बंद है। इस कारण रक्सौल का बाजार भी सूना है।

रक्सौल का पूरा बाजार बसा ही नेपालियों के चलते है। कपड़ा व्यापारी नियाज अहमद कहते हैं, ‘हम 2006 से रक्सौल में दुकान चला रहे हैं। यहां 80 से 90 प्रतिशत नेपाली ग्राहक थे। जब से लॉकडाउन लगा है और बॉर्डर सील है तो कोई भी ग्राहक रक्सौल नहीं आ पा रहा है। हमारी तो पूरी ग्राहकी ही चौपट हो गई। अब तो ऐसे हालात हैं कि दिन में एक, दो ग्राहक आ जाएं तो बहुत बड़ी बात है।'

पहले सुबह 7 से दोपहर 2 बजे के बीच ही काफी खरीदी हो जाती थी। अब इस वक्त तक एक ग्राहक भी नहीं आता।

रक्सौल के टैक्सटाइल चैम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष अरुण कुमार गुप्ता के मुताबिक रक्सौल में कपड़े की करीब 150 दुकानें हैं और हालात ऐसे हैं कि 120 से 130 दुकानों में तो ग्राहकी शुरू ही नहीं हो पा रही है। गुप्ता बताते हैं इस बाजार में मेन रोडपर बनी दुकानों का किराया 50 हजार रुपए महीना तक है लेकिन अब तो हालात ऐसे बन रहे हैं कि किराया देना ही मुश्किल हो गया है।

लोग स्टाफ भी कम करते जा रहे हैं। बर्तन कारोबारी निकेश कुमार शर्मा का मानना है कि कोरोना वायरस का डर खत्म होने के बाद नेपाली ग्राहक फिर वापस लौटेंगे क्योंकि उनके पास भी कोई विकल्प नहीं है। नेपाल में सामान इतना महंगा है कि वो वहां से ज्यादा दिनों तक खरीदी कर नहीं सकते।

यहां दुकानों का किराया 50 हजार रुपए महीना तक है। ग्राहकी नहीं होने से किराया देना मुश्किल हो गया है।

बिहार सीमा जागरण मंच के प्रदेश अध्यक्ष और रक्सौल के बड़े कारोबारी महेश अग्रवाल कहते हैं, ‘नेपाल और भारत का रोटी-बेटी का संबंध है। यानी एक-दूसरे के यहां बेटी ब्याही जाती हैं और लोग कामधंधा करने आते-जाते हैं। न उनके बिना हमारा चलेगा और न हमारे बिना उनका चलेगा क्योंकि सालों का रिश्ता-नाता है। पूरा बाजार अनलॉक होने के बाद भी वीरान है। बॉर्डर जल्दी नहीं खुली तो आने वाले समय में स्थिति बहुत भयावह हो जाएगी। कई दुकानदार कामधंधा बंद करने के लिए मजबूर हो गए हैं।

नेपाली कॉस्मेटिक सामान बहुत खरीदते हैं, इसी के चलते रक्सौल में कॉस्मेटिक आयटम की बड़ी-बड़ी दुकानें हैं।

कॉस्टमेटिक विक्रेता राजेंद्र कुमार कहते हैं कि, पहले के मुकाबले दस परसेंट ग्राहकी भी नहीं है। वे कहते हैं हमारा कॉस्मेटिक का सामान खूब बिकता था क्योंकि नेपाली लोगसजने-संवरने मेंबहुत शौकीन होते हैं। वो महंगी से महंगी चीजें खरीद कर ले जाते थे,लेकिन बीते चार महीने से जो हालात बने हैं, उसने सब तबाह कर दिया। किसी भी तरह बस मार्केट पहले की तरह खुल जाए हम यही चाहते हैं।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
People used to come to this market from Nepal to buy cheap goods, rent of shops 50 thousand rupees


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3fo7bO5

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Post Top Ad

Your Ad Spot