कोरोना वायरस से लड़ाई में डॉक्टरों सहित स्वास्थ्य विभाग का हर कर्मचारी महत्वपूर्ण भूमिका में है। कोरोना योद्धाओं की तरह स्वास्थ्य कर्मी मैदान में डटे हुए हैं। मगर सैंपलिंग के काम में सबसे ज्यादा पसीने पीपीई किट निकाल रही है। इस किट में 4 डिग्री तक तापमान बढ़ जाता है। जिससे कि कई बार बीच में भी सैंपलिंग रोकनी पड़ रही है। अभी तक जिले में साढे 10 हजार सैंपल लिए जा चुके हैं। इनमें ज्यादातर सैंपल तेज गर्मी के मौसम में हुए हैं। मई-जून के बाद अब जुलाई में भी तापमान 35 से 40 डिग्री के आसपास चल रहा है। बारिश नहीं होने से मौसम गर्म बना हुआ है।
डॉ. डबास से ही जानिए सैंपलिंग की चुनौतियां
डेंटल सर्जन डॉ. विजय डबास ने बताया कि गर्मी और बढ़ते हुए कोरोना पेशेंट के कारण सैंपलिंग टीम पर निश्चित तौर से दबाव भी बढ़ रहा है। पीपीई पहनने के बाद अंदर का तापमान बाहर के तापमान से 2-4 डिग्री बढ़ जाता है और ना ही हवा पास होती है। जब पीपीई उतारते हैं तो शरीर पर बस पसीना ही पसीना होता है।
जो सैंपलिंग के दौरान भी आंखों में जा कर जलन पैदा करता है। शरीर पर रैशेज़ दर्द करते हैं, पानी की कमी और बदन दर्द परेशानी तो करता है, मगर कोरोना को मिलकर और संघर्ष से ही हराना है। डॉ. डबास ने लैब तकनीशियन पूनम सहित बाकी स्टाफ की भी तारीफ की। कहा कि पूरे स्टाफ में गजब की हिम्मत है, जाे कभी किसी तरीके की शिकायत नहीं करते। परेशानी तो ये है कि पसीना पहनी हुई ड्रेस का रंग बदल देता है। पूरी टीम सैकड़ों सैंपल ले चुकी है।
संघर्ष है, मगर कोरोना को हराना है : डॉ. इंद्रजीत
सिविल हॉस्पिटल रेवाड़ी में कार्यरत डॉ. इंद्रजीत यादव डेंटल सर्जन की टीम द्वारा अभी तक 1600 से ज्यादा सैंपल लिए जा चुके हैं। डॉ. इंद्रजीत के साथ कार्य करने वाले लैब टेक्नीशियन रवि यूनिस अपनी ड्यूटी बखूबी निभा रहे हैं। इन मरीजों में ज्यादातर जिन मरीजों के सैंपल लिए गए हैं, उनमें ज्यादातर एसिंप्टोमेटिक पेशेंट हैं। इसलिए उनका अब सैंपल रैपिड एंटीजन टेस्ट द्वारा किया जा रहे हैं तथा रिपोर्ट भी सैंपल लेने के आधे घंटे के अंदर दी जा रही है। डॉ. इंद्रजीत यादव भी मानते हैं कि पीपीई किट पहनकर सैंपल लेना आसान कार्य नहीं है, लेकिन इस अदृश्य दुश्मन की लड़ाई को बहादुरी के साथ लड़ते रहना ही सबकी जिम्मेदारी है। कोरोनावायरस को हराकर ही दम लेंगे। लगातार पीपी किट पहनने से शरीर में डिहाइड्रेशन हो जाती है, जिससे कई बार चक्कर भी आ जाते हैं और बेहोश तक हो जाते हैं।
डॉक्टरी सलाह याद रखें, कोरोना संक्रमण दूर रहेगा
- अपने घर में ही रहें, अत्यंत आवश्यक होने पर ही घर से बाहर जाएं
- घर में प्रयोग के लिए जरूरी सामान लेने के लिए बार-बार बाहर ना जाएं, एक बार में दो-तीन दिन का सामान लेकर आएं।
- बाहर से घर में आने के बाद तुरंत हाथों को साबुन से धोएं तथा मुंह एवं नाक ,आंख को गंदे हाथों से छूने से बचें.
- भीड़-भाड़ के एरिया में ना जाएं।
- घर से बाहर जाने से पहले मुंह पर मास्क या कपड़ा अवश्य लगा कर जाएं।
- दो गज की दूरी हमेशा बनाकर रखें। छोटे बच्चे एवं बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें।
- प्रशासन द्वारा एयर कंडीशन के उपयोग के संदर्भ में जारी सभी हिदायत का पालन करते हुए ही एयर कंडीशन का इस्तेमाल करें।
- अगर किसी को इनफ्लुएंजा लाइक इलनेस के लक्ष्ण है तो वह तुरंत सरकारी अस्पताल में संपर्क करें।
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