गांव मीरपुर के श्मशान घाट में मियावाकी पौधरोपण तकनीक के माध्यम से सैकडों पौधे लगाए गए। ग्राम पंचायत के सहयोग से युवाओं की एम टीम ने पर्यावरण बचाने की यह विशेष पहल की। वन विभाग ने इसमें सहयोग किया। एसडीएम रविन्द्र यादव व सीटीएम संजीव कुमार ने भी पौधारोपण किया। सभी वॉलिंटियर्स जो इस सकारात्मक कार्य के लिए प्रेरित किया। एसडीएम ने कहा कि मियावाकी पौधारोपण मॉडल आज शहरी क्षेत्रों के लिए एक रामबाण कार्बन उत्सर्जन को पेड़ों के मार्फत कम करने का उत्तम तरीका है। इस तकनीक से बहुत छोटी जगह पर गहरे पौधे लगाकर हवा में उड़ रहे कार्बन को कम किया जा सकता है।
जानिए...क्या है मियावाकी पौधरोपण तकनीक
मियावाकी पौधरोपण तकनीक के अंतर्गत एक छोटी जगह पर ही ज्यादा गहरे पौधे लगाकर उसे एक प्रकृतिक जंगल का स्वरूप दिया जाता है। मीरपुर में लगभग 35 प्रजातियों के 1200 पौधे लगभग 400 स्क्वायर मीटर एरिया में रोपित किए गए।
इस पौधारोपण में जहां ज्यादा बड़े पेड़ जैसे नीम शीशम सिंबल रोपित किए वही कम ऊंचाई के पौधे जैसे पापड़ी, अर्जुन, सिरस, कचनार, गुलमोहर, अमलतास, जामुन, अमरूद, इमली, आंवला, बेलपत्र, पुत्र जीवा, हारशृंगार, अंजीर, नींबू, अनार, कैडबरी प्लांट, पारस पीपल आदि लगाई गई। इस दौरान अमरूद, जामुन, अंजीर, बेरी, नींबू जैसे फलदार औषधीय पौधों में हरड़, बहेड़ा, आंवला ,बेल पत्थर, बालम खीरा, अंजीर आदि का रोपण किया गया।
बाउंड्री वाल और जमीन भी की तैयार
पौधारोपण के लिए ग्राम पंचायत ने श्मशान घाट की बाउंड्री वाल का काम करवाया, वही एम-टीम रेवाड़ी व गांव के अन्य वॉलिंटियर्स ने मिलकर पौधारोपण के लिए जमीन को तैयार करवाया। जिला प्रशासन व वन विभाग ने मिलकर इस टीम का हौसला बढ़ाया तथा वन विभाग की तरफ से विभिन्न प्रजातियों के लगभग 1200 पौधे उपलब्ध करवाएं।
इस मौके पर सुंदर संभरिया वन मंडल अधिकारी, अशोक यादव सरपंच ग्राम पंचायत मीरपुर तथा एम टीम रेवाड़ी से कृपाल सिंह, पंकज, निखिल कौशिक, कैप्टन मुकेश कुमार, यतीश सिंगल, ओमप्रकाश वन दरोगा तथा वन विभाग व ग्राम पंचायत के अन्य सदस्य तथा ग्रामीण मौजूद रहे।
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